गोमेद रत्न किस उंगली में पहने?, नियम, फायदे और नुकसान

Gomed Ratn Kis Ungli me Pahnna Chahie : दोस्तों जैसा की आप सब जानते ही है की ज्योतिष के अनुसार हर गृह का संबंध रत्नों से होता है। ज्योतिष के अनुसार रत्नों के धारण से इंसानों के गृह को ठीक करके उन्हे सुख और शांति प्रदान की जा सकती है। इसलिए आज के अपने इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे की गोमेद रत्न किस उंगली में पहने और जानेंगे गोमेद रत्न क्या होता है?

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आज हम गोमेद रत्न से संबधित सभी जानकारियों को आपके साथ साझा करेगे। इसलिए अगर आप भी गोमेद रत्न से संबधित सभी जानकारियों को हासिल करना चाहते है तो, यह आर्टिकल आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ना ताकि आपको कही और जाने को जरूरत ना पड़े और आपको सभी जानकारी हमारे द्वारा इस आर्टिकल में मिल सके।

गोमेद रत्न किस उंगली में पहने?, नियम, फायदे और नुकसान | Gomed Ratn Kis Ungli me Pahnna Chahie

गोमेद रत्न क्या होता है?

गोमेद रत्न नाम आप लोगों ने सुना ही होगा। गोमेद रत्न राहु ग्रह से नाता रखने वाला रत्न माना गया है। ज्योतिषो द्वारा राहु की दिशा अपने अनुसार सही करने के लिए और कष्टों को खत्म करने के लिए पहनने की राय दी जाती है। राहु ग्रह का नाम तो आप लोगों ने सुना ही होगा।

जिसका वध स्वयं श्री कृष्ण जी ने किया था। यह सब आप लोगों ने गीता ग्रंथ आदि में भी पढ़ा ही होगा। लेकिन आज हम बात गोमेद रत्न के बारे में बात कर रहे है। गोमेद रत्न देखने में बहुत ही अति सुन्दर और चमक – दमक रखने वाला और अपनी और आकर्षित करने वाला रत्न है। साथ ही  गोमेद रत्न जिंदगी को बहुत ही सुख मय बना देता है। 

गोमेद रत्न प्रॉफिट देने वाला रत्न है। इसलिए इसकी विशेषता अन्य रत्नों से भिन्न नजर आती है। गोमेद रत्न ग्रह के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए पहना जाता है। इसलिए गोमेद रत्न को विद्वान ब्राह्मण या ज्योतिषी पहनने को बोलते है क्योंकि यह रत्न किसी भी प्रकार के बिगड़े हुऐ काम को ठीक करने की क्षमता रखता है। 

गोमेद रत्न किस उँगली में पहनना चाहिए?

गोमेद रत्न जैसे की आपको ऊपर पहले ही लिखित में बताया गया है, कि गोमेद रत्न राहु ग्रह से नाता रखने वाला रत्न है। ज्यादातर विद्वान ब्राह्मण ओर एस्ट्रोलाॅजर गोमेद रत्न को मध्यमा ऊंगली में पहनने को सलाह देते  है।

मध्यमा ऊंगली, तर्जनी ओर अनामिका ऊंगली के बीच में होती है। मध्यमा ऊंगली में गोमेद रत्न पहनने से जल्द ही व्यक्ति को शुभ लाभ मिलता है। 

गोमेद रत्न के प्रकार क्या है?

गोमेद रत्न कितने प्रकार के होते है इसके बारे में हमने आपको निचे विस्तार से बताने की कोशिश की हैं।

1 – गोमेद रत्न तीन प्रकार के होते है। पहला प्रथम कोटी का होता है, जिसे सर्वश्रेष्ठ यानी फर्स्ट क्लास कहा जाता है।

2 – दूसरा मध्यम कोटी का होता है, जिसे बीच वाला यानी सैकंड क्लास का कहा जाता है।

3 – तीसरा निम्न कोटी का होता है, जिसे थर्ड ग्रेड का स्थान पर रखा गया है।

गोमेद रत्न के तीनों प्रकार के रंगों का वर्णन

प्रथम कोटी का रत्न –  इस प्रकार का गोमेद रत्न ट्रांसपेरेंट और पवित्र होता है और यह रत्न हल्दी की भांति पीले रंग का होता है। इस तरह का रत्न देखने में चमक दमक और खुबसूरत होता है। यह रत्न मध्यमा ऊंगली में पहनते ही बहुत ही आकर्षित दिखाई देता है। इसलिए इस गोमेद रत्न को प्रथम उच्च स्तरीय प्रभाव डालने वाला सर्वश्रेष्ठ रत्नों की श्रेणी में रखा जाता है।

मध्यमा कोटी का रत्न – ऐसे गोमेद रत्न को मध्यमा रत्न का नाम इस लिए दिया गया है क्योंकि यह दूसरे नंबर का रत्न है। यह गोमेद रत्न का रैड कलर और ब्राउन कलर का होता है। रैड कलर जो कि खून की तरह होता है और ब्राउन कलर जो पेड़ के तने की तरह दिखाई देता है। इस रंग का पहना हुआ रत्न सुन्दर दिखाई देता है। यह मध्यमा कोटी प्रकार यानी दूसरे स्थान पर आता है।

निम्न कोटी का रत्न – यह रत्न देखने में भद्दापन और धुंधलापन जैसा प्रतीत होता है। इस जैसे रत्न का कलर शैडोलेस सपलाटर मिली हुई हल्के पीले शीशे के रंग की तरह दिखाई देने वाला होता है। इस लिऐ इसे निम्न कोटी यानी तीसरे स्थान पर रखा गया है। 

गोमेद रत्न किस दिन पहनना चाहिए?

गोमेद रत्न को राहु की दृष्टि को सही यानी ठीक करने के लिऐ पहना जाता है। इसलिए इस रत्न को शनिवार के दिन पहना चाहिए। इसके अलावा ज्योतिषों का मानना है की अगर इस रत्न को शुक्ल पक्ष में पहने तो और भी फलदायक होता है।

शुक्ल पक्ष हर महीने की 15 तारीख के बाद महीने की अंतिम तारीख तक रहता है। इसलिए शनिवार का दिन शनिदेव का भी होता है और शनिदेव भी समय चक्र के देवता है।

गोमेद रत्न को शनिवार के शुक्ल पक्ष में धारण करने से जीवन मंगलमय, खुशहाल और समृद्धि वान बन जाता है। वृषभ, तुला, मिथुन, कन्या और कुम्भ राशी वाले लोगों को गोमेद रत्न धारण करना चाहिए और जिनकी कुण्डली में राहु दशा चल रहा हो उन लोगों को भी गोमेद रत्न पहनना चाहिए। 

गोमेद रत्न पहनने के क्या फायदे है?

गोमेद रत्न उन लोगों को पहनना चाहिए जिनके कहीं भी कोई भी काम करने में बाधाएं आ रही हो या हर तरफ से काम सही नहीं हो रहा हो, ऐसे लोगों को यह रत्न पहनना चाहिए।

जिन बच्चों को डर लगता हो या उनको ऐसा प्रतीत हो, कि मेरे साथ कोई साया चल रहा है या सपनों में हमेशा चुड़ैल चंडाल दिखाई देती है, उन बच्चों और बड़े व्यक्तियों को भी इस रत्न को धारण करना चाहिए।

जिन लोगों के गृह में कोई दोष हो जैसे की कालसर्प योग हो। उन लोगों के गोमेद रत्न धारण करने से यह दोष धीरे धीरे मिटता चला जाता है। गोमेद रत्न को पहनने से घर में हो रहे झगड़ों का प्रभाव कम हो जाता है।

इसके साथ ही पति और पत्नी में हो रहे बीना किसी बात के विवाद को खत्म करने के लिए भी इस रत्न को पहना जा सकता है। इस रत्न के धारण करने के बाद रिलेशनशिप में फिर से मिठास भरी जा सकती है। 

गोमेद रत्न के पहनने के और भी फायदेमंद है। जैसे किसी भी महिला का मन चित अपने ही घर में न लगे, वह एक जगह पर शांति से न टिक पाये, ऐसी महिलायें इस रत्न को जरूर पहने, इससे उनको बहुत ही आराम मिलेगा।

जो लोग राजनीति से संबंधित हो और राज योग को और भी अधिक प्रबल बनना चाहते है, ऐसे लोगों को यह गोमेद रत्न हमेशा पहन कर रखना चाहिए। इससे उनके जीवन में पनप रहे दुश्मनों से यह रत्न बचाएगा और जीवन मंगलमय होता चला जाएगा। इस रत्न को धारण करने से जो आपके मन में नेगेटिव ख्याल आते है, वो आना भी बन्द हो जाऐगें। 

बीमारी में गोमेद रत्न पहनना क्यों जरूरी है?

जो लोग बीमारी से पीड़ित है। जैसे की कैंसर, पीलिया, शारीरिक दर्द इत्यादि बीमारी के दुष्प्र भाव को दूर करने के लिऐ गोमेद रत्न को पहना चाहिए। गोमेद रत्न वैसे तो हर व्यक्ति को धारण करना चाहिए क्योंकि यह हर बीमारी को ठीक करने की क्षमता रखता है।

गोमेद रत्न के नुकसान क्या है?

गोमेद रत्न के ज्यादा कोई भी दुष्प्रभाव नहीं हैं। लेकिन कुछ विद्वान और ज्योतिष यह सलाह देते हैं कि गोमेद रत्न को पुखराज मणिक्य मूगां जैसे रत्नों के साथ नहीं पहनना चाहिए क्योंकि इन रत्नों के साथ अगर किसी और रत्नों को पहना गया हो तो उसके दुष्प्रभाव जरूर हो सकते हैं।

मेष, कर्क, वृश्चिक, धनु और मकर जैसी राशियों को यह रत्न नहीं पहनना चाहिए। लेकिन अगर फिर भी उन्हें इस रत्न को धारण करना है या पहनना है तो उनको अपनी जन्म कुंडली किसी विद्वान ब्राह्मण को दिखानी चाहिए और उनकी सलाह लेकर ही विधि पूर्वक द्वारा इस रत्न को पहना जा सकता है।

गोमेद रत्न पहनने की विधि क्या है?

गोविंद रत्न को विधिपूर्वक पूजन करने के बाद ही धारण करना चाहिए। वैसे तो गोमेद रत्न राहु का रत्न माना जाता है और खराब दिशा को शांत करने के लिए पहना जाता है। इस रत्न को पहनने के लिए शनिवार का दिन निश्चित करना चाहिए साथ ही शुक्ल पक्ष तारीख होनी चाहिए।

आप अपने ही घर के मंदिर में जहां आप दिया जलाया करते हैं, उस जगह पर नीचे बैठ कर तांबे के बर्तन में जिसे हम कलश भी बोलते हैं, उसमें थोड़ा सा जल डालकर उस जल के अंदर दूध डालकर और उस तांबे के बर्तन में इस गोमेद रत्न को रखकर, विधि पूर्वक दीया और बाती करकर 108 बार (ओम रां राहवे नमः) इस मंत्र का जाप करके इस रत्न को धारण करना चाहिए।

इस मंत्र का जाप करके फिर भगवान के आगे नमस्तिक होकर, इस रतन को अपनी मध्यमा उंगली जो की तर्जनी और अनामिका उंगली के बीच में होती है। जैसे कि हमने ऊपर लिखित में बताया गया है, उस उंगली में पहना जा सकता है।

गोमेद रत्न किस धातु का पहनना चाहिए?

गोमेद रत्न राहु का रत्न होता है, इसलिए इस रतन को चांदी और अष्टाधातु में बनवा कर मध्यमा उंगली में पहना जा सकता है। इस रत्न का ज्यादातर व्यापारियों को भी बहुत लाभ होता है वह भी इस रत्न को पहन सकते है। इसलिए गोमेद रत्न को विधिपूर्वक राहु की उपासना कर के पहनना चाहिए।

जैसे कि हमने ऊपर लिखित विधि में इसका वर्णन पूर्ण रूप से कर दिया गया है और ऊपर बताई गई विधि के द्वारा पाठ पूजन करके इस रतन को पहना जा सकता हैं, जो कि आपके जीवन में एक लाभदायक सिद्ध होगा।

गोमेद रत्न कितनी रत्ती का पहनना चाहिए?

गोमेद रत्न वैसे तो बहुत ही रत्ती का होता है और यह 3 रत्ती से शुरू होकर 6 रत्ती से ऊपर तक का होता है। ब्राह्मण और ज्योतिष हमेशा यह मत रखते हैं, कि  व्यक्ति को कम से कम 6 रत्ती का गोमेद रतन पहनना चाहिए

6 रत्ती का गोमेद पहनने से जीवन अच्छा होता है और सुंदरमय भी बनता है और यह शरीर को सभी कष्टों और दुष्प्रभावों से दूर रखता है। इसीलिए गोमेद रत्न पहनने से पहले एक बार रत्ती को जरूर देखें। वह कितनी रत्ती का है? यह बहुत ही मायने रखता है।

गोमेद रत्न किस बीमारी में पहनना चाहिए?

वैसे तो गोमेद रत्न किसी भी बीमारी के लिए कारीगर है लेकिन जैसे कि जिन लोगों को भी हमेशा शिकायत रहती है कि उनका पेट खराब है, जोड़ों में दर्द है, घुटनों में दर्द है, उनकी तबीयत एकदम खराब हो जाती है, बुखार आ जाता है, मस्तिष्क में दर्द, एलर्जी की प्रॉब्लम, शरीर में खून की कमी या वीकनेस महसूस होती हो, ऐसे लोगों को गोमेद रत्न पहनना चाहिए।

जिससे कि वह अपने शरीर पर हो रहे दुष्प्रभावों को दूर कर सके और अपनी जिंदगी को एक सुखमय तरीके से व्यतीत कर सके। ऐसे लोगों को गोमेद रत्न जरूर पहनना चाहिए ताकि उनके शारीरिक बीमारी में कारगर साबित हो।

गोमेद रत्न की कीमत क्या है?

गोमेद रत्न की वैसे तो कोई मूल्य नहीं लगाया जा सकता क्योंकि यह बहुमूल्य है। बहुमूल्य इसलिए है क्योंकि इस रत्न को पहनने से राहु की दृष्टि दुष्प्रभाव सही हो जाते हैं। यह राहु का एक रतन है, जो शरीर की बीमारियां तक इस रत्न को पहनने से सही दिशा में हो जाती है अथवा ठीक हो जाती है।

इस रत्न को पहनने से बहुत से ऐसे रुके हुए काम बन जाते हैं जैसे कि हमने ऊपर लिखे हुए लेख में वर्णनित किया गया है। आप ऊपर लिखे लेख को संक्षिप्त रूप से शुरू से लेकर अंत तक पढ़े और आपको इस गोमेद रत्न की कीमत मूल्य क्या है? यह उस लेख में आप पढ़कर जान सकते हैं।

इसलिए मैंने इसमें लिखा है कि गोमेद रत्न की कोई भी कीमत नहीं लगा सकता है। लेकिन फिर भी मार्केट रेट में बाजार में इसकी कीमत 500 रूपए प्रति कैरेट से शुरू हो जाती है और अधिक से अधिक इस रत्न की कीमत लाखों रूपए तक होती है।

FAQ

गोमेद रत्न की कीमत क्या है?

गोमेद रत्न की कीमत 500 रूपए प्रति कैरेट से लेकर लाखों रूपए के मूल्य तक होती है।

गोमेद रत्न किस बीमारी में पहनना चाहिए?

गोमेद रत्न कैंसर, पीलिया, शारीरिक दर्द इत्यादि बीमारी के दुष्प्र भाव को दूर करने के लिऐ गोमेद रत्न को पहना चाहिए।

गोमेद रत्न कितनी रत्ती का पहनना चाहिए?

 ज्योतिषों के अनुसार गोमेद रत्न 6 रत्ती का पहनना चाहिए।

बीमारी में गोमेद रत्न पहनना क्यों जरूरी है?

बीमारी में गोमेद रत्न शारीरिक दु:ख को दुर करता है।

गोमेद रत्न किस दिन पहनना चाहिए?

ज्योतिष के अनुसार गोमद रत्न को शनिवार के दिन पहनना चाहिए।

निष्कर्ष

हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में गोमेद रत्न किस उंगली में पहने?, नियम, फायदे और नुकसान ( Gomed Ratn Kis Ungli me Pahnna Chahie) के बारे में विस्तार पूर्वक से जानकारी प्रदान की हुई है और साथ ही साथ इस विषय पर हमने लगभग सभी महत्वपूर्ण जानकारी को लेख में कवर किया हुआ है।

हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आप लोगों के लिए काफी यूज़फुल और सहायक साबित हुई होगी। यदि आपको लेख पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले और इस लेख से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स का भी इस्तेमाल करना ना भूले।

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