तुलसी माता को सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं? (पूजा विधि, नियम और फायदे)

Tulsi Mata ko Sindur Lagana Chahiye: हमारे देश में ज्यादातर घरों के आँगन में हमेशा तुलसी का पौधा होता है और इसे शास्त्रों के अनुसार घर के आँगन में रखना काफी शुभ भी माना जाता है। इसलिए आज के अपने इस आर्टिकल में हम बात करेंगे तुलसी माता को सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं?

Tulsi Mata ko Sindur Lagana Chahiye
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आज हम आपको इसी से संबधित सभी जानकारियों को आपके साथ साझा करेंगे। अगर आप भी तुलसी माता के बारे में सम्पूर्ण जानकारी हासिल करना चाहते है, तो यह आर्टिकल आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ना, ताकी आपको तुलसी माता से संबधित विषयो के बारे में जानने के लिए कहीं और ना जाना पड़े।

तुलसी माता को सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं? (पूजा विधि, नियम और फायदे) | Tulsi Mata ko Sindur Lagana Chahiye

तुलसी माता कौन थी?

सनातन धर्म के अनुसार तुलसी माता की पूजा में बहुत ही महत्व माना जाता है और शास्त्र ग्रंथों में यह भी लिखित रूप से प्रमाणित है की अगर आप तुलसी माता की पूजा करते हैं, तो आपको तुलसी माता के जीवन के बारे में जानकारी होना बहुत ही जरूरी है। जैसे की तुलसी माता कौन थी या तुलसी का पौधे कैसे उत्पन्न हुआ?

इसके बारे में अगर हम बात करें तो तुलसी का पौधा अपने पिछले जन्म में एक वृंदा नामक लड़की हुआ करती थी, जो कि राक्षस कुल में पैदा हुई थी। वृंदा भगवान विष्णु को अपना आराध्य देवता मानती थी और उनकी भक्ति करती थी। वृंदा का विवाह दानव राज जालंधर के साथ हुआ था, जो कि राक्षस कुल का राजा था।

तुलसी का पौधे कैसे उत्पन्न हुआ?

एक बार जालंधर और देवताओं के बीच युद्ध हुआ था, जिसे भगवान विष्णु और देवताओं ने छल पूर्वक जीत लिया था और जालंधर की हत्या कर दी थी। इससे क्रोधित होकर वृंदा ने भगवान विष्णु को श्राप दे दिया।

भगवान विष्णु और देवताओं जालंधर के कटे हुए सर को अग्नि में जलकर राख कर दिया और उसमें राख से उत्पन्न हुए पौधे को भगवान विष्णु ने तुलसी का नाम दिया, जिसे तुलसी के पौधे की उत्पत्ति हुई।

तुलसी माता को सिंदूर लगाना चाहिए?

हमारे हिंदू धर्म में कई सारे देवी-देवताओं को सिंदूर लगाने का शास्त्रों में नियम बताया गया है। जो लोग  तुलसी माता की पूजा करते हैं उनके सवाल होता है कि क्या मां तुलसी की पूजा करने के दौरान हम उन्हें सिंदूर लगा सकते हैं या फिर नहीं।

हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हमारे हिंदू धर्म में शास्त्र नियम के अनुसार माता तुलसी को लगाने का प्रावधान है और आप जब भी उनकी पूजा करो आप उन्हें सिंदूर लगा सकते हो। ध्यान रहे सिंदूर पहले से कोई इस्तेमाल ना किया हो और सिंदूर साफ एवं स्वच्छ हो। इस प्रकार से आप मां तुलसी की आराधना के दौरान उनका सिंगार करने हेतु सिंदूर लगा सकते हो। 

तुलसी माता की पूजा कैसे की जाती है?

तुलसी माता की पूजा करने के बारे में हमने आपको नीचे विस्तार से बताने की कोशिश की है, जिसे फॉलो करके आप भी तुलसी माता की पूजा कर सकते है।

  • सबसे पहले पूजा की सामग्री को इकट्ठा करें जिसमें – एक लाल चुनरी, तांबे के लोटा में जल, गाय का दूध, गाय के दूध से बानी दही, फूल, शुद्घ घी, लाल सिंदूर, एक दीपक और घंटी इन सभी वस्तुओं को एक थाली में सजा ले।
  • अब सबसे पहले तुलसी माता पर चुनरी चढ़ाओ और तुलसी माता को स्पर्श करते हुए हाथ जोड़कर इस मंत्र का जाप करें। “महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते”।
  • दीपक में बत्ती लगाकर उस में घी डालकर दीप को प्रज्वलित करें। तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल तुलसी माता को अर्पण करें।
  • अब तुलसी माता को दूध अर्पण करें और फिर तुलसी माता को दही अर्पण करें।
  • अब तुलसी माता को फूल अर्पण करें और फिर लाल सिंदूर को तुलसी माता के पत्तों का स्पर्श करते हुए उनके ऊपर चढ़ाऐं।
  • इसके बाद हाथ में घंटी लेकर उस घंटी को बजाते हुए ऊपर लिखित मंत्र का जाप करके तुलसी माता की स्तुति करें।
  • इसके बाद हाथ जोड़कर तुलसी माता का आशीर्वाद ले और वंदना करें। इस प्रकार आप तुलसी माता की पूजा विधी पूर्ण कर सकते हैं।

तुलसी माता की पूजा करने से क्या लाभ मिलता है?

तुलसी माता की पूजा के लाभ के बारे में हमने आपको नीचे विस्तार से बताने की कोशिश की है, जिसे फॉलो करके आप भी तुलसी माता की पूजा करके लाभ प्राप्त कर सकते है।

  • आपके घर में पैसा आकर टिकता नहीं है, तो आप तुलसी पर दूध चढ़ाएं। रविवार के दिन ऐसा करने से घर में लक्ष्मी का वाश सदा रहता है।
  • तुलसी का पौधा पूर्व और दक्षिण दिशा में लगाने से और उस पर हर रोज जल चढ़ाने से घर का वास्तु दोष खत्म हो जाता है।
  • दुकान नहीं चल रही है, तो शुक्रवार के दिन तुलसी के ऊपर कच्चा दूध चढ़ाएं और फिर मीठी मिठाई का भोग लगाने पर बाकी का प्रसाद किसी विवाहित स्त्री को दे दें, तो व्यापार चलने लग जाएगा।
  • किसी लड़की की शादी नहीं हो रही है, तो उस लड़की के हाथों से प्रतिदिन तुलसी के ऊपर जल चढ़ाने से उसकी शादी जल्दी हो जाती है।
  • मनोकामना पूरी करने के लिए तुलसी के पौधे की 5 या 6 पत्तियों को तांबे के बर्तन में डालकर पानी से भर दें। फिर उस पानी को कुछ घंटे के बाद प्रवेश द्वार से लेकर अपने सारे घर में छिड़कने पर इंसान की मनोकामना पूरी हो जाती है।
  • तुलसी माता को लक्ष्मी का स्वरूप में माना जाता है। इसलिए प्रतिदिन तुलसी माता की पूजा करने से उस पर जल चढ़ाने से घर में लक्ष्मी का वास हमेशा रहता है।
  • तुलसी माता की पूजा करने से घर में दुख, कलेश, विकार यह सब खत्म हो जाता है।
  • ऐसा शास्त्रों में वर्णित है की तुलसी के पत्तों को पानी में डालकर स्नान करने से चारों तीर्थों का स्नान करने जैसा माना जाता है। 
  • तुलसी का पौधा घर में लगाने से नकारत्मक शक्तियां उस घर से दूर रहती है।
  • तुलसी का पौधा अगर आपके घर में लगा हुआ है, तो कोई भी शत्रु अगर किसी प्रकार की काली शक्तियां या तंत्र-मंत्र विद्या का प्रयोग आप पर करता है, तो उसका सबसे पहले प्रभाव तुलसी के पौधे पर पड़ेगा।
  • अगर आप प्रतिदिन तुलसी माता की पूजा अर्चना करते है, तो आपको इसका फल जरूर मिलता है, क्योंकि तुलसी माता पवित्र मानी जाती है। 
  • फरवरी महीने में जिसे हम मास महीना भी कहते हैं। तुलसी माता की पूजा करने पर अत्यधिक पुण्य और फलदायक प्राप्त होता है।

तुलसी पूजा के नियम क्या है?

तुलसी पूजा के नियमों के बारे में हमने आपको नीचे विस्तार से बताने की कोशिश की है, जिसे फॉलो करके आप भी तुलसी माता की पूजा के नियमो के बारे में अच्छे से जान सकते है।

  • महिलाएं सुबह उठकर स्नान करके घर के मंदिर में धूप, अगरबत्ती करके फिर तुलसी के पौधे के पास जाकर शुद्ध देसी घी का दीपक प्रज्वलित करें और तुलसी माता की पूजा करें।
  • जहां पर आप दीप को प्रज्वलित करेंगे उस स्थान पर थोड़े से चावल के दानों को रखकर उसके ऊपर दीप को रखें।
  • शाम के समय तुलसी की पूजा में दीपक को जलाएं, लेकिन तुलसी के पौधे को हाथ मत लगाएं और दूर से ही नमस्कार करें।
  • शास्त्रों में लिखा गया है की रविवार के दिन तुलसी के पौधे के ऊपर कभी भी जल मत चढ़ाएं।
  • अगर आपको तुलसी के पौधे की पत्तियां चाहिए तो, आप तुलसी को हाथ जोड़कर नमस्कार करके उनसे इजाजत मांगे और पत्तियां तोड़े। लेकिन कभी भी पतियों को खींचकर मत तोड़े और संध्या के समय में कभी भी तुलसी की पत्तियों को ना तोड़े।

तुलसी के पौधे को दान करने से क्या फायदे होते है?

तुलसी के पौधे को दान करने के फायदों के बारे में हमने इसके बारे में हमने आपको निचे विस्तार से बताने की कोशिश की है।

  • तुलसी एक औषधि रूप का पौधा भी है और यह सकारात्मक विचारों को लाता है। इसलिए तुलसी का पौधा दान करने से सकारात्मक विचारों का प्रचार होता है।
  • तुलसी माता के पौधे को लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। इसीलिए तुलसी का पौधा दान करने से धन, वैभव, लक्ष्मी और समृद्धि बढ़ती है । 
  • तुलसी का पौधा दान देने वाले व्यक्ति और उसको लेने वाले व्यक्ति, दोनों का मन सकारात्मक सोच से भरा हुआ होना चाहिए, तभी इसका लाभ होता है।
  • तुलसी का पौधा देने से कन्यादान का सुख प्राप्त होता है। जिन दंपतियों की कोई कन्या नहीं है अगर वह तुलसी के पौधे का दान करते हैं तो वह कन्यादान का फल प्राप्त कर सकते हैं।
  • रविवार के दिन तुलसी के पौधे के नीचे दीया नहीं लगाना चाहिए। 

तुलसी माता को कैसे प्रसन्न करे?

तुलसी माता को प्रसन्न करने के लिए हमने आपको नीचे विस्तार से समझाने की कोशिश की है, जिसे फॉलो करके आप भी तुलसी माता को प्रसन्न कर सकते है।

  • रविवार के दिन तुलसी के पौधे की जड़ को गाय के दुध से सींचे। ऐसा करने से तुलसी माता प्रसन्न हो जाती है।
  • तुलसी माता के आगे श्रद्धा पूर्वक हाथ जोड़कर नमन करके उनकी पूजा करें। इससे भी तुलसी माता प्रसन्न हो जाती है।
  • बच्चों से रोजाना तुलसी माता पर जल चढ़ाएं और उनके आगे हाथ जोड़कर नमस्कार करें। ऐसा करने से बच्चों की सोच सकारात्मक होगी और उनको विद्या का ज्ञान होगा जिससे उनका मनोबल बढ़ेगा।

तुलसी के पौधे के औषधि गुण

तुलसी के पौधे के गुण शस्त्रों में वर्णित है। इस पौधे को एक औषधि रूप में देवताओं द्वारा माना गया है। क्योंकि इस पौधे का नाम स्वयं भगवान श्री हरि ने रखा है और इसे वरदान दिया है। खुद भगवान विष्णु शीला के रूप में इस पौधे के साथ विराजमान है।

तुलसी के पौधे के औषधि गुण के बारे में हमने आपको नीचे विस्तार से बताने की कोशिश की है। जिसे फॉलो करके आप भी तुलसी माता औषधि के गुणों का पता कर सकते है।

  • शास्त्र में लिखित है की तुलसी के पत्तों को खाली पेट खाने से कई बीमारियां दूर होती है।
  • जिन व्यक्तियों का दिल कमजोर है, उन्हें तुलसी के पत्तों का सेवन करना चाहिए।
  • शरीर की त्वचा में निखार लाने के लिए तुलसी के पत्तों को खाना चाहिए।
  • मानसिक तनाव को दूर करने के लिए तुलसी के पत्तों का औषधीय रूप में उपयोग करना चाहिए।
  • जिन व्यक्तियों को कैंसर है, उन्हें नित्य तुलसी के पत्तों का सेवन करना चाहिए। इससे कैंसर की स्थिति में धीरे – धीरे सुधार होगा।
  • अपने अंदर की इम्युनिटी शक्ति को बढ़ाने के लिए भी तुलसी के पत्तों का सेवन कर लेना चाहिए।
  • सर्दी – जुकाम में भी तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से फायदा होता है।
  • मुहं से अनचाही बदबू को दूर करने के लिए भी तुलसी के पत्तों को मुंह में रख लेना चाहिए।

तुलसी का भोग किस देवता को लगाना चाहिए?

जैसे कि हमने ऊपर पहले ही आपको लिखित बता दिया है कि तुलसी पिछले जन्म में भगवान विष्णु की भक्त थी। इसीलिए तुलसी का भोग भगवान विष्णु को लगाया जाता है। गणेश को भी तुलसी का भोग लगाया जाता है और जब हम सत्यनारायण की कथा में पंचामृत प्रसाद बनाते है, तों उसमें भी तुलसी को डाला जाए तभी वह पंचामृत प्रसाद पूरा होता है।

इस पूरी विधि विधान से अगर आप तुलसी माता जी की पूजा करते रहेंगे तो आपके घर में कभी भी किसी चीज की कमी नहीं रहेगी और आपके घर में हमेशा खुशहाली ही खुशहाली बनी रहेगी। इसके विपरीत शास्त्रों में वर्णित है की तुलसी की पत्तियां भगवान शिव पर नहीं चढ़ाना चाहिए और ना ही भगवान शिव का चढ़ा हुआ जल तुलसी के पौधे में डाला चाहिए।

इसलिए तुलसी की पत्तियां सिर्फ शिवरात्रि के दिन ही मध्यरात्रि के बाद भगवान शिव पर चढ़ाएं, तो बहुत ही लाभदायक सिद्ध होता है।

FAQ

तुलसी जी के पास क्या नहीं रखना चाहिए?

मां तुलसी के पौधे के पास हमें जूता, चप्पल, कोई भी गंदी चीज यहां तक की कोई दूसरा पेड़ पौधा भी नहीं लगाना चाहिए। तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में पवित्र पौधा माना जाता है। इसीलिए जितना हो सके उसने ही साफ-सफाई हमें मां तुलसी के पौधे के पास रखना चाहिए।

तुलसी में दीपक कब नहीं जलाना चाहिए?

तुलसी जी के पौधे के सामने या फिर उनकी मूर्ति के सामने रविवार के दिन दीपक नहीं जलाना चाहिए। अपितु आप इस दिन उन्हें जल चढ़ा सकते हो और उनकी पूजा-अर्चना कर सकते हो परंतु शास्त्रों के नियमानुसार दीपक जलाना इस दिन बिल्कुल भी सही नहीं है।

तुलसी जी की पूजा करने के दौरान क्या बोलना चाहिए?

तुलसी जी की पूजा करने के दौरान आप उन का महामंत्र महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।बोलना ना भूले इस मंत्र से मां तुलसी जी की पूजा एवं स्तुति की जाती है।

तुलसी जी की पूजा कितने बजे तक करनी चाहिए?

प्रातः काल स्नान ध्यान करने के पश्चात आपको मां तुलसी की पूजा करनी चाहिए और सायंकाल के समय भी स्नान ध्यान करने के पश्चात मां तुलसी की पूजा करनी चाहिए। प्रातः एवं सायंकाल दोनों ही समय मां तुलसी की पूजा करना उचित समय माना जाता है।

निष्कर्ष

हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को तुलसी माता को सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं? (पूजा विधि, नियम और फायदे)( Tulsi Mata ko Sindur Lagana Chahiye) के बारे में विस्तारपूर्वक से महत्वपूर्ण जानकारी साधारण शब्दों में प्रदान की हुई है।

हमें उम्मीद है कि मां तुलसी की आराधना एवं उनकी पूजन विधि से संबंधित प्रस्तुत किया गया यह लेख आप लोगों के लिए काफी उपयोगी और सहायक सिद्ध हुआ होगा।

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