औरतों को शनि देव की पूजा करनी चाहिए या नहीं?

Auraton ko Shani Dev ki Puja Karni Chahiye Ya Nahi: हिंदू धर्म के अनुसार शनि देव को लोकप्रिय और न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है। लोग शनिदेव की पूजा अपने जीवन में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए करते हैं। अपने जीवन से बुराइयों को दूर करने के लिए भी लोग शनिदेव के भक्त है।

कई पुरानी कथा के अनुसार लोगों का यह मानना है कि हर किसी को उसके कर्म के अनुसार उनका कर्म फल देने का काम शनिदेव का माना जाता हैऔर उनके सामने मानव हो या देवता सभी के साथ में एक समान दृष्टि रखते हैं।

शनि देव सूर्य के पुत्र है। शनि देव अपने तप से भगवान भोलेनाथ से यह शक्ति पाई है कि वे लोगों के साथ न्याय कर पाएं और उनकी दृष्टि जिस पर भी पड़ती है उसे उसके कर्म के अनुसार अच्छा या बुरा फल की प्राप्ति होती है।

Auraton ko Shani Dev ki Puja Karni Chahiye Ya Nahi
Image: Auraton ko Shani Dev ki Puja Karni Chahiye Ya Nahi

सभी के ऊपर शनि देव की दृष्टि रहती है और सभी का शनिदेव के दंड या फिर उपहार को मिलना आवश्यक सी बात है। कुछ लोग को शनिदेव की कृपा से अच्छे कर्म फल मिलते हैं और कुछ लोगों को शनिदेव की कृपा से उसके बुरे कर्म के बुरे फल मिलते हैं।

तो आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे कि, जब शनिदेव की दृष्टि सभी पर एक समान है, चाहे उनके सामने मानव हो या देवता वह सभी के साथ एक समान एक दृष्टि रखते हैं। तो ऐसे में यह सवाल उठता है कि महिलाओं और पुरुष में क्या महिलाओं को शनिदेव की पूजा करनी चाहिए या नहीं करनी चाहिए? इस पोस्ट में हम जानेंगे क्या महिलाओं को शनिदेव की पूजा करनी चाहिए या नहीं।

औरतों को शनि देव की पूजा करनी चाहिए या नहीं? | Auraton ko Shani Dev ki Puja Karni Chahiye Ya Nahi

शनिदेव की पूजा करने से क्या लाभ होते हैं?

जिनके भी कुंडली में या फिर उसके जीवन में शनि के कुप्रभाव रहते हैं। उन्हें शनिदेव की पूजा करने से उन सभी दोषों को दूर किया जाता है। इसीलिए लोग शनिदेव की पूजा करते हैं।

शनि दोष को दूर करने के लिए लोग शनिदेव की पूजा करते हैं। कुछ मानता अनुसार यदि किसी व्यक्ति के जीवन में लगातार परेशानियां आ रही है, तो इसका मतलब है कि उसके ऊपर शनि दोष है।

ऐसे में यदि अगर वह शनिदेव की पूजा करके शनिदेव को प्रसन्न करते हैं तो उसके जीवन में आ रही सभी परेशानियां धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है और उसके जीवन में सफलता आने लगती है।

शनि की कुदृष्टि से भगवान को को भी बहुत कुछ झेलना पड़ता है

शनि की कुदृष्टि के कारण ही भगवान गणेश का सिर कटा था। शनि की कुदृष्टि के कारण ही भगवान राम को वनवास जाना पड़ा था। शनि की कुदृष्टि के कारण ही पांडवों को भी वनवास जाना पड़ा था।

इसके अलावे मानव की बात करें तोइसके अलावा मानव की बात करें तो राजा विक्रमादित्य और राजा हरिश्चंद्र को शनि देव की हरिश्चंद्र को शनिदेव की कुदृष्टि के कारण की दर दर की ठोकर खाने पड़ी थी।

शनि देव को क्या प्रसन्न करता है?

शनिवार के दिन नीले रंग के फूल चढ़ाने से शनिदेव अत्यधिक प्रसन्न होते हैं और शनिदेव का जो पत्थर है, जो कि नीलम रतन है। इसे जो व्यक्ति भी पहनते हैं उससे शनिदेव जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।

शनि देव कैसे ग्रह है?

शनि देव नवग्रहों में से एक श्रेष्ठ ग्रह है। लेकिन शनि देव की दृष्टि से मानव और देवता दोनों की डरे रहते हैं। शनि देव एक बहुत ही जल्दी गुस्सा होने वाले देवता है, तो उनकी पूजा में बहुत ही सावधानी रखनी पड़ती है।

जब भी शनिदेव की पूजा के लिए आप जाएं तो खास बात का ध्यान रखना होता:

शुद्ध स्नान करके ही जाएं। शनि देव की पूजा करते समय एक खास बात का ध्यान रखना होता है। वह यह है कि शनिदेव की पूजा करते समय कभी भी आपको शनिदेव की आंखों में नहीं देखना चाहिए। यदि आप शनिदेव की आंखों में देखते हैं, तो आपके ऊपर शनि संकट प्रारंभ हो जाता है।

इसीलिए इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी आपको शनिदेव की आंखों में नहीं देखना चाहिए। हमेशा उनके पैरों को ही देख कर पूजा करनी चाहिए और शनिवार के दिन ही शनिदेव की पूजा करनी चाहिए।

क्या महिलाओं को शनिदेव की पूजा करनी चाहिए या नहीं?

शनिदेव का दोष महिला हो या पुरुष दोनों पर ही समान रूप से पड़ता है। लेकिन महिलाओं को शनिदेव की पूजा करते समय कुछ सावधानियों को रखना बेहद ही आवश्यक होता है, नहीं तो उनके साथ बहुत ही बुरा हो सकता है।

महिलाएं कभी भी शनि देव की मंदिर ना जाएं ना ही उनके चबूतरे पर जाएं और हो सके तो शनि देव के मंदिर भी स्पर्श ना करें। शनि देव के पास बहुत लोग तंत्र विद्या करते हैं और उनसे महिलाएं बहुत जल्दी प्रभावित हो सकती है।

इसीलिए ऐसा माना जाता है कि महिलाओं को ना ही शनि देव की मंदिर के पास जाना चाहिए और ना ही शनिदेव को छूना चाहिए क्योंकि उनके आसपास बहुत ही नकारात्मक शक्ति होती है, जो कि महिलाओं को बहुत प्रकार से परेशानी में डाल सकती है। इसीलिए शनिदेव की पूजा महिलाओं को दूर से करनी चाहिए और केवल उनका नाम लेकर ही पूजा कर ले तो महिलाओं के लिए बहुत ही अच्छा है।

शनि देव की पूजा किसको करनी चाहिए?

शनि के कुप्रभाव से आपको पेट संबंधी रोग हो सकते हैं और आपके और शारीरिक क्षमता में कमी हो सकती है। आपको हाय ब्लड प्रेशर हो सकता है, डायबिटीज हो सकता है, कैंसर जैसी कैंसर जैसी भयानक वह भी शनि के कुप्रभाव से प्रारंभ हो जाते हैं।

यदि आपकी राशि में या आपकी कुंडली में कोई भी शनि दोष हो तो, आपको शनिदेव की पूजा अवश्य करनी चाहिए। यदि आपके राशि में या आपकी कुंडली में कोई भी शनि दोष हो तो आपको शनिदेव की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

यदि आप शनि देव की दृष्टि से, शनि देव की ढैया से, साढ़ेसाती से परेशान है, तो आपको शनिदेव की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

ऐसा माना जाता है कि शनिदेव के लिए जब कोई दर्शन करने जाता है, तो उसे अपने सर पर रखे टोपी को उतार कर ही जाना चाहिए।

यदि आप त्वचा रोग, कैंसर, एड्स, किडनी रोग, लकवा, मधुमेह खाज खुजली जैसे आदि रोगों से ग्रसित है तो आपको शनिदेव का अभिषेक करना चाहिए। इससे आपको इन सभी लोगों से जल्द ही निजात मिल सकती है।

शनि देव के दर्शन के लिए एक महत्वपूर्ण बातें बताई गई है कि जो भी भक्त शनिदेव के लिए दर्शन करने के लिए जाते हैं उनके घरों में यदि कोई रजोदर्शन या प्रसूति, सूतक में हो तो उस व्यक्ति को शनि देव के दर्शन के लिए नहीं जाना चाहिए।

किसी भी व्यक्ति के व्यवसाय में किसी भी प्रकार की हानि हो रही हो तो उस व्यक्ति को शनि देव की पूजा करनी चाहिए।

आप किसी अच्छे कार्य के लिए जा रहे हैं तो आपको एक बार शनिदेव का मन से याद करके उनके दर्शन करना चाहिए।

यदि कोई व्यक्ति लोहे से संबंधित व्यवसाय करता हो या मेडिकल के क्षेत्र में काम करता हो या कारखाना, ट्रैवल, ट्रक, तेल से संबंधित कोई कार्य करता हो, पेट्रोलियम, कोर्ट-कचहरी से संबंधित कोई कार्य करता हो तो उस व्यक्ति को हमेशा शनिदेव को प्रसन्न करके रखना चाहिए और हमेशा उसे शनि देव को पूजा करना चाहिए, जिससे कि उसके व्यवसाय में बढ़ोतरी हो और शनि देव की कृपा से उसे ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके।

निष्कर्ष

शनि देव को सबसे गुस्सैल देव माना जाता है। यदि उनकी पूजा सही तरह से नहीं हुई तो, आपको उनकी दया दृष्टि हांसिल नही हो पाएंगी। इस आर्टिकल में हमने आपको औरतों को शनि देव की पूजा करनी चाहिए या नहीं? ( Auraton ko Shani Dev ki Puja Karni Chahiye Ya Nahi) इसके बारे में विस्तारपूर्वक माहिति प्रदान की है।

हमें उम्मीद है यह जानकारी आपको जरूर पसंद आई होगी। अगर आपका इस आर्टिकल से संबंधित कोई भी प्रश्न है, तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं। हम आपके द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर अवश्य देंगे।

यह भी पढ़ें:

गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए? नियम, फायदे व रहस्य)

तुलसी का पौधा किसी को देना चाहिए या नहीं?

वास्तु शास्त्र के अनुसार किचन कैसा होना चाहिए?

वैष्णो देवी मंदिर में कितनी सीढ़ियां हैं?

Leave a Comment