Vaishno Devi Mandir me Kitni Sidhiya Hai: धर्म और संस्कृति की बेजोड़ संगम को दर्शाने वाली भारत देश की भूमि पर प्राचीन विशाल और स्वयं भगवान से साक्षात्कार कराने वाले ऐसे अनेकों मंदिर है, जहां भगवान के दुर्लभ दर्शन पाकर भक्तगण ना केवल अपनी मुरादे पाते हैं बल्कि स्वयं को और अपने जीवन को धन्य कर जन्मो जन्म के पापों से मुक्ति पाते हैं।
भारत देश त्योहारों का देश है और उन सभी त्योहारों में एक त्यौहार बेहद खास है और वह है मां दुर्गा का नवरात्रि पर्व। यह पर्व पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा के कई वृहद और प्राचीन मंदिर भारत भूमि पर स्थित है, जहां पर भक्तगण मां के दुर्लभ दर्शन पाकर अपनी मन्नत पूरी करते हैं।

ऐसा ही एक मंदिर है मां वैष्णो देवी का। हर व्यक्ति अपने जीवन में कम से कम एक बार वैष्णो मां के दर्शन करने जरूर जाता है। यह मंदिर मां के ५२ शक्तिपीठों में सबसे खास और प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर ने अपने अंदर कई रहस्य छुपा रखे हैं, इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां की चढ़ाई अत्यंत कठिन है।
यदि आप भी वैष्णो देवी जाने का विचार बना रहे हैं और आप सोच रहे हैं कि मंदिर के द्वार तक पहुंचने में कितना समय और चौड़ाई में कौन-कौन से मार्ग होंगे? सीढ़ियां कितनी होंगी? तो आपकी इन्हीं सारे प्रश्नों का उत्तर आपको इस आर्टिकल में मिलने वाला है। तो आइए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ते हैं और मंदिर के सीढ़ियों और चढ़ाई के विषय में जानकारी प्राप्त करते हैं
वैष्णो देवी मंदिर में कितनी सीढ़ियां हैं? | Vaishno Devi Mandir me Kitni Sidhiya Hai
वैष्णो देवी मंदिर के बारे में
जम्मू के त्रिकूट पर्वत पर कटरा नामक स्थान पर स्थित मां वैष्णो का यह दिव्य मंदिर मां दुर्गा के शक्तिपीठों में सबसे महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। पौराणिक कथाओं की माने तो कुछ शताब्दियों पहले इस स्थान पर श्रीधर नामक व्यक्ति को मां दुर्गा ने अपने महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती इन तीनों रूपों में दर्शन दिए थे।
तब से यह पवित्र स्थान हिंदू भक्तों की आस्था का एक प्रसिद्ध केंद्र है। आज भी इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। भारत देश के कोने कोने से श्रद्धालु यहां अपनी मन्नत पूरी करने पर मां के दुर्लभ दर्शन पाने आते हैं। वैष्णो मां का यह अद्भुत मंदिर अपने अंदर कई रहस्य समेटे हुए हैं।
वैष्णो मां का यह मंदिर मां के भक्तों के लिए ना केवल आस्था का केंद्र है बल्कि स्वयं देवी मां के धरती पर प्रकट होने का भी प्रमाण है। भक्तों का अटूट विश्वास और श्रद्धा उन्हें मां के द्वार तक खींच लाती है। ऐसा माना जाता है की वैष्णो मां की दुर्लभ दर्शन पाने से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर होते हैं और सच्चे मन से मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है। लोग दूर-दूर से यहां अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के उद्देश्य से भी आते हैं।
वैष्णो देवी मंदिर में कुल सीढ़ियां
वैष्णो मां के मंदिर तक पहुंचने के लिए यदि कुल सीढ़ियों की बात करें तो वैष्णो देवी मंदिर तक पहुंचने के लिए मार्ग में सीढ़ियों की संख्या लगभग 35000 से लेकर 45000 के बीच है।
हर्ष उल्लास और भक्ति भाव से भरे हुए वैष्णो मां के भक्त जय माता दी का जयकारा लगाते हुए त्रिकूट पर्वत की लंबी और दुष्कर चढ़ाई को भी पार कर लेते हैं।
वैष्णो देवी मंदिर की चढ़ाई में लगने वाला समय
वैष्णो देवी मंदिर मैं चढ़ाई के लिए दो मार्ग है जिनमें से एक रास्ता ढलान वाला और दूसरा रास्ता सीढ़ियों वाला है। देवी मां की मंदिर की असल यात्रा यहां पर स्थित कटरा नामक स्थान से शुरू होती है।
जिसके बाद 700 से 800 कदमों की दूरी पर एक मंदिर मिलता है जिसे चरण पादुका मंदिर कहते हैं, 13 किलोमीटर लंबे इस मार्ग को पार करने में लगभग 3 से 4 घंटे के बीच का समय लगता है।
FAQ
प्रसिद्ध वैष्णो देवी मंदिर जम्मू में स्थित है।
वैष्णो देवी मंदिर में लगभग 35000 से 45000 के बीच सीढ़ियां है।
मंदिर की चढ़ाई में लगभग 3 घंटे से 4 घंटे का समय लगता है।
वैष्णो देवी जाने के लिए आप किसी भी समय जा सकते हैं लेकिन फिर भी नवरात्रों में यहां का माहौल काफी अलग और भक्ति भाव से सराबोर होता है। आप यहां शारदीय नवरात्र या चैत्र नवरात्रों में भी जा सकते हैं।
निष्कर्ष
शक्ति स्वरूपा मां वैष्णो देवी का यह मंदिर अत्यंत पवित्र और अद्भुत मंदिर है। देवी मां की धरती पर प्रकट होने का सबसे बड़ा प्रमाण इसी मंदिर में मिलता है।
दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हमने वैष्णो देवी में कितनी सीढ़ियां हैं? (Vaishno Devi Mandir me Kitni Sidhiya Hai) और उससे संबंधित प्रश्नों के उत्तर देने का भरसक प्रयास किया है, आशा है आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा।
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