4 मुखी रुद्राक्ष क्या है? (फायदे, नुकसान, कीमत और धारण करने की विधि)

Char Mukhi Rudraksha Kya Hai Fayde Aur Nuksan :  आपने बहुत से लोगों को रुद्राक्ष धारण करते हुए देखा होगा। रुद्राक्ष अलग अलग आकृति के दिखते है। उनमें से एक है 4 मुखी रूद्राक्ष। चलिए इस आर्टिकल में 4 मुखी रुद्राक्ष से जुड़ी बहुत सी ऐसी जानकारियां देते है जो आपने कहीं भी नहीं सुनी होगी।

Char Mukhi Rudraksha Kya Hai Fayde Aur Nuksan
Image: Char Mukhi Rudraksha Kya Hai Fayde Aur Nuksan

4 मुखी रुद्राक्ष हमारी जीवन शैली से किस प्रकार जुड़ी हुई है अर्थात रुद्राक्ष हमारे जीवन शैली को किस प्रकार प्रभावित करती है। यह हम हमारे इस आर्टिकल में आपको बताएँगे।

रुद्राक्ष का नाम तो आप सभी ने सुना ही होगा। कई ऐसे भी लोग हैं जिन्हें रुद्राक्ष के बारे में कोई भी जानकारी नहीं होती कि इसके क्या फायदे हो सकते हैं? नुकसान या इसकी धारण करने की विधि किस प्रकार की जाए? आइए हम आपको 4 मुखी रुद्राक्ष से जुड़ी विशेष जानकारियां देते हैं।

4 रुद्राक्ष क्या है? (Char Mukhi Rudraksha Kya Hai)

जिस प्रकार भगवान शिव जी के अनेकों प्रतीक हैं जिनमें से एक प्रतीक रुद्राक्ष भी है। यह शिव जी की घोर तपस्या के पश्चात जब उन्होंने अपने नेत्र खोलें तो उनके नेत्रों से जल के कुछ बूंद आंसुओं की तरह धरती पर गिरे जिन्हें ही रुद्राक्ष के तौर पर जाना जाता है। किंतु रुद्राक्ष के अनेकों प्रकार हैं जिनमें सबका एक अलग अलग महत्व है। रुद्राक्ष एक फल की गुठली होती है।

4 मुखी रुद्राक्ष स्वयं ब्रह्मा जी हैं। 4 मुखी रुद्राक्ष में 4 तरह की प्रकृतिक धारियां अर्थात भाग होती हैं। जिससे ही 4 मुखी रुद्राक्ष कहा जाता है। जिससे यह पता चलता है कि इसके 4 मुख होते हैं।

ब्रह्मा जी जिन्होंने सृष्टि को रचा है। इन्होंने सृष्टि की रचना में अपना अहम योगदान दिया है जिनकी संसार में रचना स्वरूप जीवन से लेकर प्रकृति में अपनी रचनात्मक विशेष भूमिका निभाई है। ब्रह्मा जी को कौन नहीं जानता? ब्रह्मा जी ही इस सृष्टि के रचयिता है तथा 4 मुखी रुद्राक्ष भी उन्हीं का प्रतीक है। ब्रह्मा जी अर्थात उनमें है सारा ब्रह्मांड समाहित है तथा 4 मुखी रुद्राक्ष के संचालक है।

4 रुद्राक्ष के फायदे (Char Mukhi Rudraksha Ke Fayde)

आइए हम आपको 4 मुखी रुद्राक्ष के अनेकों फायदे का वर्णन करते है।

  • 4 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से धारण करता के ऊपर सदैव संसार के रचयिता स्वयं ब्रह्मा जी का आशीर्वाद रहता है। उन्हें सृष्टि की तरफ से अनेक को प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं क्योंकि उनके सिर पर स्वयं ब्रह्मा जी का हाथ होता है।
  • 4 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से धारण करता को धन-धान्य का सदैव लाभ प्राप्त होता है तथा उन्हें ज्ञान में समृद्धि प्राप्त होती है और उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या से जूझना नहीं पड़ता। स्वयं उनकी रक्षा 4 मुखी रुद्राक्ष द्वारा होती है।
  • जो इस 4 मुखी रुद्राक्ष को धारण करता है वह धारण करता स्वयं शुद्ध तथा उनकी आत्मा भी शुद्ध होती है। यह किसी भी प्रकार की अशुद्धि आत्मा तथा शरीर में नहीं होने देता।
  •  4 मुखी रुद्राक्ष के स्पर्श से ही धर्म के प्रति सजगता एवं जागरूकता आती है और स्पर्श करता को मोक्ष की प्राप्ति होती है ।
  • 4 मुखी रुद्राक्ष बुद्धि को अति तीव्र कर देता है जिससे धारणकर्ता को भूलने की समस्या दूर हो जाती है। उनकी बुद्धि तेज होने के कारण उन्हें पढ़ाई के क्षेत्र में तथा ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में महारत हासिल होती है।
  • जिन व्यक्तियों में संतान प्राप्ति के लिए अनेकों समस्याएं झेलनी पड़ रही है उनके लिए 4 मुखी रुद्राक्ष बहुत ही फायदेमंद साबित होते हैं।

4 मुखी रुद्राक्ष के नुकसान

चार मुखी रुद्राक्ष प्राप्तकर्ता को विशेष बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक है। जिससे उनके ऊपर रुद्राक्ष के द्वारा कोई भी किसी भी प्रकार की हानि तथा नुकसान ना हो। इन के नुकसान कुछ इस प्रकार है।

  • 4 मुखी रुद्राक्ष धारणकर्ता को किसी भी प्रकार का मधु पान तथा किसी भी प्रकार की तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए अर्थात मदिरापान और मांस से रहित भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए जो उनके लिए बेहद नुकसानदायक साबित हो सकता है।
  • 4 मुखी रुद्राक्ष को कभी भी ज्यादा नीचे तक नहीं पहनना चाहिए अर्थात धारण करता के नाभि के पास नहीं लटकना चाहिए। रुद्राक्ष केवल आपके सीने के पास या उससे थोड़ा नीचे पहन सकते हैं ज्यादा नीचे नहीं।
  • रुद्राक्ष को सोने या रजीत धातु में धारण करें तथा इन दोनों धातुओं के साथ ऐसी माला हो या रेशमी धागे में धारण करें ज्यादातर रुद्राक्ष धारण करने के लिए उपयोग में लाल रंग का इस्तेमाल अर्थात और लाल रंग के रेशमी धागे का इस्तेमाल किया जाता है।
  • रुद्राक्ष धारण करके शमशान या किसी के प्रस्तुति में ना जाएं तथा सोने के पूर्व इसे निकाल दें।
  • महिलाएं खासकर मासिक धर्म के समय में रुद्राक्ष को निकाल कर रख दें।

4 मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि

हमने 4 मुखी रुद्राक्ष के फायदे तथा नुकसान से जुड़ी जानकारियां दे दिए हैं। आइए चलते हैं हम आपको 4 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की क्रियाविधि बताते हैं, जिससे आप अपने शरीर में चार मुखी रुद्राक्ष को धारण कर सकें।

4 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लिए सर्वप्रथम आपको ऐसा दिन चुनना होगा जो शुभ हो अर्थात भगवान शिव का दिन हो जिससे आपके ऊपर विशेष कृपा बरसे।

आप श्रावण मास में कोई दिन सोमवार या फिर शिवरात्रि या पूर्णिमा का दिन चुन सकते हैं। यह सभी दिन भगवान शिव की पूजा आराधना के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं। किंतु आप सोमवार को भी 4 मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।

ध्यान रहे रुद्राक्ष असली हो जिससे आप अपने शरीर पर धारण कर सकें इसके लिए आप किसी सर्टिफाइड रुद्राक्ष या फिर मान्यता पूर्ण मंदिर से रुद्राक्ष प्राप्त कर सकते हैं।

आप रुद्राक्ष को नए माले में पिरो कर धारण करें। आप इसे ब्राह्मणों या स्वयं द्वारा मंत्र का जाप करके इसे धारण कर सकते हैं। इसकी धारण विधि कुछ इस प्रकार है।

  • सर्वप्रथम दो पात्रों में पंचगव्य और पंचामृत बना ले और उसमें गुलाब के पत्ते डाल दें।
  • अब रुद्राक्ष और उस की माला को एक के बाद एक स्नान कराएं तथा भगवान शिव के मंत्र का जाप करना ना भूले।
  • 5 अक्षरों का मंत्र ओम नमः शिवाय जाप करें। यह ब्रह्म रुद्राक्ष है इसलिए आप शिव जी के मंत्र का जाप करें।
  • उसके पश्चात एक चौकी पर लाल वस्तु पर रुद्राक्ष को रखें तथा बेलपत्र, चंदन ,धूप ,दीप द्वारा पूजा अर्चना करें।
  • इसके पश्चात आप साफ मन से भगवान को साक्षी मानते हुए 4 मुखी रुद्राक्ष को धारण करें।

निष्कर्ष

भगवान शिव की आराधना के लिए आप रुद्राक्ष को धारण कर सकते है। रुद्राक्ष का माला गले में पहनने के ज्यादा फायदे है। अगर रुद्राक्ष माला की लंबाई हृदय को स्पर्श करती है तो इससे दिल की धड़कन भी नियंत्रित रहती है।

हम आशा करते हैं कि हमारा लिखा गया महत्वपूर्ण लेख 4 मुखी रुद्राक्ष क्या है? उसके फायदे, नुकसान, कीमत और धारण करने की विधि (Char Mukhi Rudraksha Kya Hai Fayde Aur Nuksan)आपको पसंद आया होगा। इस लेख में हमें आपको चार मुखी रुद्राक्ष की सभी जानकारियां प्राप्त कराई है, जिससे कि आपको चार मुखी रुद्राक्ष से जुड़ी सभी जानकारियां प्राप्त हो सके।

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