ओपल रत्न (धारण करने की विधि, धारण करने के फायदे और नुकसान)

Opal stone ke fayde aur nuksan: ज्योतिष शास्त्र की तरह रत्ना शास्त्र भी होते हैं श। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में किसी ना किसी ग्रह का प्रभाव रहता है और ग्रहों के प्रभाव से उसके जीवन में कई प्रकार के बदलाव आते हैं। इसीलिए ग्रहों को प्रसन्न करने के लिए बहुत से लोग रत्नों को धारण करते हैं।

शास्त्र में नौ प्रमुख रत्नों का वर्णन है और प्रत्येक रत्न पर किसी ना किसी ग्रह का आधिपत्य है। ओपल रत्न भी उन्हीं रत्नों में से एक है। माना जाता है ओपल रत्न का संबंध शुक्र ग्रह से है। शुक्र ग्रह प्रेम, संभोग, सौंदर्य, नृत्य ,संगीत और कला का स्वामी है। यह  आकाश के सबसे चमकीले ग्रहों में से एक हैं। 

Opal stone ke fayde aur nuksan
Image: Opal stone ke fayde aur nuksan

शुक्र ग्रह को भौतिक सुख का देवता माना गया है। इसीलिए जो लोग ओपल रत्न को धारण करते हैं उन्हें जीवन के सभी भौतिक सुख प्राप्त होते हैं चाहे विवाहित जीवन में आ रही परेशानी हो या व्यवसाय में आ रही परेशानी हो सभी प्रकार के परेशानियों में ओपल रत्न व्यक्ति को निजात दिलाता है।

तो चलिए आगे इस लेख में बढ़ते हैं और जानते हैं कि ओपल रत्न क्या होता है? किस तरह दिखता है? और किस तरह इसको धारण किया जाता है? इसके साथ ही ओपल रत्न को धारण करने के हम और भी कई सारे फायदे और नुकसान के बारे में भी जानेंगे।

ओपल रत्न (धारण करने की विधि, धारण करने के फायदे और नुकसान) | Opal stone ke fayde aur nuksan

ओपल रत्न क्या होता है?

ओपल रत्न एक तरह दूधिया रंग का पत्थर होता है, जो आइसोट्रोपिक मिनरल होता है। उच्‍च क्‍वालिटी के ओपल स्‍टोन में अच्‍छी मात्रा में ऑप्टिकल फेनोमेनन ‘प्‍ले  ऑफ कलर’ यानी फायर (अग्नि) होती है। ओपल रत्न काफी ज्यादा सुंदर दिखता है। इसकी बॉडी कलर सफेद , पीला, काला, भूरा या ग्रे रंग हो सकता है।

इस रत्न पर शुक्र ग्रह का आधिपत्य होता है। शुक्र ग्रह वृषभ और तुला राशि का स्वामी होता है। यह आकर्षण, प्रेम, समृद्धि, ज्ञान और शांति का कारक होता है। जीवन के लगभग हर क्षेत्र में शुक्र ग्रह का प्रभाव पड़ता है। शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने से व्यक्ति जीवन के सभी प्रकार के भौतिक सुखों को प्राप्त कर पाता है।

इसीलिए लोग शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने के लिए इस प्रकार के रत्न को धारण करते हैं। असल में हीरा शुक्र का शुभ रत्न होता है लेकिन हीरा बहुत ही अनमोल होता है जिसकी कीमत भी काफी ज्यादा होती है। ऐसे में हर कोई हीरे को खरीद के धारण नहीं कर सकता। इसीलिए ओपल हीरे का उपरत्न माना जाता है इसीलिए हीरे के जगह पर ज्यादातर लोग इसे ही पहनते हैं।

बात करें ओपल रत्न बाजार में कितने में मिलता है, तो वैसे तो इन रत्नों की कीमत 700 से 800 रुपए प्रति कैरेट होता है। लेकिन इसमें भी अलग-अलग क्वालिटी होती हैं। अच्छी और बेहतरीन क्वालिटी के ओपल की कीमत ₹26000 प्रति कैरेट तक हो सकता है। क्वालिटी के अनुसार इसकी कीमत बढ़ती है।

ओपल पहनने के फायदे

ओपल रत्न शुक्र ग्रह से संबंधित होता है और शुक्र ग्रह का किसी भी इंसान के जीवन में बहुत ज्यादा प्रभाव रहता है। यह इंसान की इच्छाओं का प्रतीक होता है। इसीलिए इसे धारण करने से जीवन की सभी भौतिक सुख सुविधाएं जैसे कि प्रेम ,संबंध, सहवास, प्रजनन क्षमता और यौन अनुकूलता के लिए पहना जाता है।

ओपल रत्न को धारण करने से व्यक्तित्व में निखार आता है। संगीत, नृत्य, थिएटर, चित्रकला, कंप्यूटर , आईआईटी से संबंधित किसी भी क्षेत्र में कोई व्यक्ति कार्यरत है या उसमें भविष्य बनाना चाहता है तो उनके लिए ओपल धारण करना शुभ माना जाता है।

ओपल रत्न व्यक्ति के बिगड़ते स्वास्थ्य को भी बताता है। जैसे यदि कोई व्यक्ति इसे धारण किया है और उसे मामूली सा बुखार है तो ओपल रत्न हल्का ग्रे छाया में बदल जाता है।

वहीं जब अधिक गंभीर बीमारी होती है तो यह पीला रंग में बदल जाता है। यदि यह पीला रंग बदल गया है तो आने वाली दुर्घटनाओं को इंगित करता है।

मूत्राशय प्रणाली, खासतौर पर किडनी के कार्य में भी इस रत्न से सुधार आता है। ओपल रत्न धारण करने वाले व्यक्ति की यौन शक्‍ति बढ़ती है। खून और लाल रक्‍त कोशिकाओं से संबंधित विकारों को दूर करने में लाभकारी होता है।

ओपल रत्न धारण करने से गला, अस्थि मज्जा , आंख, प्लीहा, अग्नाशय और प्रजनन अंगों से संबंधित कई प्रकार की समस्याओं से निजात मिलता है। ओपल रत्न धारण करने से मस्तिष्क के बाएं और दाएं गोलार्ध संतुलित रहते हैं इससे व्यक्ति को न्यूरो स्थिरता मिलती है।

ओपल रत्न धारण करने से व्यक्ति का आलस, तनाव ,उदासीनता दूर होता है उसके विचारों में भी स्पष्ट आती है। इस रत्न से सफेद रक्‍त कोशिकाओं को ऊर्जा मिलती है।

ओपल रत्न धारण करने से व्यक्ति को शांति और संतुष्टि मिलता है। इस रत्न के धारण से एंडोक्राइन सिस्‍टम को फायदा पहुंचता है और शरीर में हार्मोन के स्राव में संतुलन बना रहता है।

ओपल रत्न धारण करने के नुकसान

चाहे ओपल रत्न हो या कोई भी रतन हो किसी भी रतन को पहनने का सही नियम होता है। इसके अतिरिक्त किसी भी रत्न को धारण करने से पहले ज्योतिषी से सुझाव देना चाहिए। यदि आप बिना सुझाव के रत्न धारण कर लेते हैं, तो इसका गलत प्रभाव देखने को मिल सकता है।

ओपल रत्न के नकारात्मक प्रभाव ना व्यक्ति के प्रेम संबंध, विवाहित जीवन और व्यवसाय के क्षेत्र पर प्रभाव डालते हैं बल्कि उसके स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालते हैं।

बिना किसी परामर्श के किसी विशिष्ट मुद्दे को हल करने के उद्देश्य से ओपल रत्न को धारण करने से अजीत ठंडी और आलसी उनका महसूस होता है।

ओपल रत्न को गलत तरीके से धारण करने से त्वचा शुष्क हो जाता है और त्वचा का रंग पीला होने लगता है। ओपल के नकारात्मक प्रभाव लोगों के व्यवहार पर भी प्रभाव डालते हैं। इसके नकारात्मक प्रभाव से व्यक्ति अच्छे से ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है।

ओपल रत्न के नकारात्मक प्रभाव से व्यक्ति को सामान्य से भी ज्यादा प्यास लगती है। शारीरिक रूप से कमजोर लोग ओपल रत्न को धारण करते हैं तो उनके वैवाहिक जीवन में कठिनाई आ सकती हैं।

इसके अतिरिक्त किसी को भी बिना सोचे समझे ओपल रतन को पहना देने से उनके जीवन के भौतिक सुखों पर काफी प्रभाव पड़ता है।

इस तरह धारण करें ओपल रत्न

ओपल रतन का यदि जीवन में सकारात्मक प्रभाव चाहते हैं तो ओपल रत्न को सही नियम और विधि पूर्वक पहनना चाहिए। ओपल रत्न को चांदी की धातु में पहनना सबसे शुभ माना जाता है हालांकि जाते हैं सोने और पंचधातु में भी इसे पहन सकते हैं।

ओपल रत्न शुक्र ग्रह से संबंधित होता है इसीलिए शुक्ल पक्ष के शुक्रवार का दिन ओपल रत्न को धारण करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस रत्न को दाएं हाथ की अनामिका उंगली में धारण किया जाता है।

अंगूठी को धारण करने से पहले गंगाजल या गाय के कच्चे दूध से शुद्ध कर लेना चाहिए उसके बाद शुक्र के मंत्र की एक माला जपने के बाद इसे पहनना चाहिए। बहुत से लोग के मन में प्रश्न होता है कि ओपल रत्न को कितने रत्ती का पहनना चाहिए तो यह व्यक्ति के वजन पर निर्भर करता है।

मान लीजिए यदि किसी व्यक्ति का वजन 50 किलोग्राम है तो वह 5 रत्ती को ओपल पहने तो लाभकारी होगा। इस रत्न को धारण करने के पश्चात किसी भी ब्राह्मण को शुक्र ग्रह से संबंधित दान करके चरण स्पर्श करना चाहिए।

ओपल रत्न का मनुष्य के 12 राशियों पर प्रभाव

वृषभ राशि के लिए

ओपल रत्न का संबंध शुक्र ग्रह से होता है और शुक्र वृषभ राशि का रत्न है। इसीलिए वृषभ राशि वाले जातक बिना किसी झिक्षट और चिंता के इस रत्न को धारण कर सकता है।

वृषभ राशि के लिए ओपल रत्न धारण करना हमेशा लाभकारी रहता है।  उसके जीवन में सुख, शांति, सम्मान और बेहतर स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

मेष र‍ाशि के लिए

जो भी व्यक्ति मेष राशि में आता है और शुक्र स्वराशि यानी कि तुला और वृषभ में है और मीन की उच्च राशि में बैठा है तो ऐसी स्थिति में मेष राशि वाले लोगों के लिए भी ओपल धारण करना शुभ माना जाता है। शुक्र की महादशा और अंतर्दशा चलने पर भी इस रत्न को पहन सकते हैं।

कुंभ राशि के लिए

कुंभ राशि वाले जातक के लिए शुक्र चौथे एवं नवम भाव का स्वामी होता है। ऐसे में यदि वे ओपल रत्न धारण करते हैं तो जिंदगी भर लाभ मिलता है।

ओपल रत्न को धारण करने से कुंभ राशि वाले लोगों के जीवन में मंगल, राहु, केतु ,शनि और सूर्य के अशुभ प्रभावों से बचाव मिलता है। शुक्र के नकारात्मक प्रभाव इससे दूर होते हैं और शुभ प्रभाव मिलते रहते हैं।

मीन राशि के लिए

मीन राशि वाले लोग के लिए यदि शुक्र की महादशा चल रही है या शुक्र उनके तीसरे या आठवें भाव में स्वराशि या उच्च राशि में में बैठा है तो वह ओपल रत्न पहन सकते हैं।

मिथुन राशि के लिए

शुक्र व्यक्ति के बुद्धि यादाश्त एवं साहस का स्वामी होता है यह पंचम और 12वे भाव का स्वामी है। इसलिए मिथुन राशि के जातक यदि संतान प्राप्‍ति की इच्‍छा रखते हैं तो उनके लिए ओपल रत्न बहुत ही लाभकारी हो सकता है।

सिंह राशि के लिए

जो भी जातक सिंह राशि में आता है और यदि वह शुक्र की महादशा और अंतर्दशा से गुजर रहा है या फिर शुक्र स्वराशि या उच्च राशि में बैठा हुआ है तो उसके लिए ओपल रत्न धारण करना लाभकारी साबित हो सकता है। ऐसे राशि वाले लोगों के लिए ओपल रत्न धारण करने से उसके जीवन में सुख, समृद्धि आती है और उसे करियर में भी सफलता मिलती है।

कर्क राशि के लिए

जो जातक कर्क राशि में आता है ऐसे लोगों के लिए यदि शुक्र उच्च राशि मीन और स्व राशि तुला या वृषभ में बैठा हो तब उनके लिए ओपल रत्न पहनना लाभकारी साबित हो सकता है।शुक्र की महादशा और अंतर्दशा में ओपल पहनना बहुत ही लाभकारी सिद्ध होगा। कर्क राशि वाले लोगों के लिए यह रत्न धारण करने से उनके मां की सेहत में सुधार होता है।

कन्‍या राशि के लिए

शुक्र दूसरे एवं नवम भाव का स्वामी होता है। जो भी जातक कन्या राशि में आता है उनके लिए ओपल पहनना बहुत ही लाभकारी होता है। ऐसे लोग यदि ओपल को धारण करते हैं तो शुक्र ग्रह से संबंधित उन्हें दोगुने लाभ प्राप्त होता हैं।

वृश्चिक राशि के लिए

वृश्चिक राशि वाले लोगों के लिए ओपल धारण करना तब शुभ होता है जब शुक्र की महादशा और अंतर्दशा के दौरान यह राशि तुला और वृषभ में विराजमान हो। इस राशि के लोगों के लिए शुक्र के पंचम भाव में उच्च राशि में होने पर भी इसे धारण कर सकते हैं।

धनु राशि के लिए

शुक्र की महादशा और अंर्तदशा के दौरान धनु राशि वाले जातक के लिए ओपल धारण करना शुभ होता है।

तुला राशि के लिए

तुला राशि वाले लोगों के लिए शुक्र उनके लग्न और आठवें भाव का स्वामी है। ऐसे में ओपल रत्न को पहना उनके लिए काफी चमत्कारी साबित हो सकता है।

मकर राशि के लिए

मकर राशि वाले लोगों के लिए ओपल रत्न बहुत ही ज्यादा लाभकारी होता है। इसे धारण करने से उन्हें जीवन में कई प्रकार के लाभ मिलते हैं।

जो जातक मकर राशि में आता है यदि उसके कुंडली में शुक्र ग्रह ,शनि ,राहु केतु या मंगल से पीड़ित है तो भी वह ओपल रत्न को धारण कर सकता है। क्योंकि ऐसी परिस्थितियों में ओपल रत्न धारण करने से शुक्र के अशुभ प्रभावों को यह रत्न नष्ट कर देता है।

शुक्र पंचम और नवम भाव का स्वामी होता है जो व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्व रखता है। इसीलिए शुक्र के कमजोर और पीड़ित होने की स्थिति में भी ओपल रत्न पहनने से मकर राशि वालों को काफी ज्यादा लाभ मिलता है।

ओपल रत्न की पहचान करने के तरीके

बाजार में कई तरह के ओपल रत्न मिलते हैं। कुछ ओपल रत्न आपको सस्ते दाम में मिलेंगे तो कुछ ओपल रत्न आपको महंगे दाम में मिलेंगे। ऐसे में कोई भी व्यक्ति बहुत ही ज्यादा अचंभे में पड़ जाता है कि असली और नकली ओपल रत्न की पहचान कैसे करें।

यहां पर हमने ओपल रतन को पहचान करने के तरीके बताए हैं जिनसे आप बहुत आसानी से ओपल रत्न की खरीदारी करते समय जान सकते हैं कि वह रत्न असली है या नकली।

सबसे अच्छा ओपल ऑस्ट्रेलिया का माना जाता है जिसमें फायर होता है यानि कि उसकी चमक बिल्कुल आग की तरह होती है दूसरे नंबर पर अफ्रीका का ओपल आता है।

ओपल रतन अपारदर्शी रत्न होता है। यदि इस रतन पर प्रकाश डालेंगे तो प्रकाश के रंग में गहरा रंग उत्पन्न हो जाता है। यदि आपके द्वारा खरीदे गए रत्न में ऐसा प्रभाव होता तो वह रत्न असली रतन माना जाता है।

जो ओपल रत्न असली होता है उस पर जब किसी भी प्रकार की रोशनी बढ़ती है, तो उस पर लकीरे दिखने लगती हैं। अगर आपके ओपल रत्न में ऐसा प्रभाव नहीं दिखता तो इसका मतलब की वह रत्न नकली हैं।

जो ओपल रत्न असली होता है उन्हें जासमीन के तेल में डुबोकर रखा जाता है। यदि आप किसी भी दुकान पर ओपल रत्न खरीदने जा रहे हैं और यदि वह जासमीन के तेल में डुबोकर रखा गया है तो उसका मतलब की वह रत्न असली होगा।

जब आप पर रत्न खरीद रहे हैं तो जरूर जांचे कि वह रत्ना लैब द्वारा प्रमाणित या लाइसेंस प्राप्त है या नहीं।

जो ओपल रत्न असली होते हैं उसमें अलग-अलग जगह पर देखने पर अलग-अलग रंग दिखाई देता है। लेकिन नकली ओपल रत्न में आपको ऐसा कोई भी प्रभाव नहीं दिखता।

असली ओपल रत्न कटिंग या पॉलिश करने के बाद भी सिमिट्रिकल होता है।

FAQ

किन रत्नों के साथ ओपल रत्न को पहनना अशुभ होता है?

शुक्र ग्रह लगभग सभी ग्रहों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रखता है लेकिन सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति शुक्र के शत्रु ग्रह माने जाते हैं । इसीलिए भूलकर भी ओपल रत्न को मोती, पुखराज या माणिक्य जैसे रत्नों के साथ नहीं पहनना चाहिए।

ओपल रत्‍न कहां पाया जाता है ?

सबसे अच्छा ओपल रत्न ऑस्ट्रेलिया का माना जाता है। ऑस्ट्रेलिया का फायर ओपल रत्न काफी ज्यादा लोकप्रिय है हालांकि मेक्सिको और इथोपियन का भी ओपल लोकप्रिय है।

अलग-अलग ग्रहो के लिए कौन कौन से रत्न होते हैं?

चंद्र ग्रह के लिए मोती, सूर्य के लिए मानिक, शुक्र के लिए हीरा या ओपल, मंगल के लिए मूंगा, गुरु के लिए पुखराज, बुध के लिए पन्ना, शनि ग्रह के लिए नीलम, राहु ग्रह के लिए गोमेद और केतु ग्रह के लिए लहसुनिया रत्न पहनें जाते हैं।

ओपल रत्न कौन पहन सकता है?

ओपल रत्न तुला और वृषभ राशि के लिए बहुत ज्यादा शुभ और उत्तम माना जाता है। ऐसे लोग बर्थ स्टोन के रूप में एप्पल को धारण कर सकते हैं । हालांकि ज्योतिष के अनुसार मकर, कुंभ, मिथुन और कन्या राशि के जातक भी शुक्र के शुभ स्थान के आधार पर इसे धारण कर सकते हैं।

ओपल स्टोन पहनने से क्या लाभ होता है?

ओपल रत्न को धारण करने से व्यक्ति की सभी प्रकार की भौतिक सुख सुविधाओं में वृद्धि होता है और स्वास्थ्य संबंधित भी लाभ मिलता है।

ओपल रत्न कब धारण करना चाहिए?

ओपल रत्न को धारण करने का सबसे अच्छा समय शुक्ल पक्ष की शुक्रवार कि सुबह होती है। ओपल रत्न को सोने या चांदी की धातु में गढ़वा कर उसकी अंगूठी को कच्चे दूध या गंगाजल से शुद्ध करके और शुक्र का मंत्र जाप करके इसे पहन सकते हैं।

निष्कर्ष

आज के इस लेख में हमने आपको रत्न शास्त्र के 9 प्रमुख रत्नो में से एक ओपल रत्न के बारे में बताया जो शुक्र ग्रह से संबंधित है और शुक्र ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को दूर करता है।

इस लेख के जरिए आपको जानने को मिला कि ओपल रत्न पहनने से व्यक्ति को कौन-कौन से लाभ मिलते हैं और ओपल रत्न के क्या नुकसान हैं। इसके साथ ही ओपल रत्न को धारण करने की सही विधि के बारे में भी आपने जाना।

हमें उम्मीद है कि आज का यह लेख ओपल रत्न (धारण करने की विधि, धारण करने के फायदे और नुकसान) ( Opal stone ke fayde aur nuksan) आपके लिए जानकारी पूर्ण रहा होगा। इस लेख को अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए अन्य लोगों के साथ जरूर शेयर करें ताकि कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में शुक्र ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए ओपल रत्न के बारे में जान सकें।

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